पेपर लीक मामले में बड़ा फैसला 10 साल की जेल 10 करोड़ जुर्माना साथ ही सम्पति भी कुर्क
आजकल पेपर लीक होना तो आम बात हो गयी है परीक्षा हॉल में पेपर पहुँचता नहीं उससे पहले लोगो के पास पहुंच जाता है जिसका सबसे ज्यादा नुकसान उन बच्चो को होता है जिन्होंने दिन रात कड़ी मेहनत की है और उनका सिलेक्शन नहीं हो पाता है और जो पैसे देकर पेपर खरीद लेते है उनका हो जाता है आजकल तो ये स्कुल कॉलेज और प्रतियोगी परीक्षा हर तरह के एग्जाम में होने लगा है और यही पिछले दिनों रीट के एग्जाम में हुआ था और इसी लिए पेपर रद्द कर दिया गया था जिससे देखते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हरकत में आये है और उन्होंने विधानसभा में नकल विरोधी बिल पेश किया है जिसमे नक़ल करने को बहुत बड़ा अपराध माना गया और इसपे कड़ा कानून बनाया गया क्यों की ये बहुत से बच्चो के भविष्य के साथ खेलना होता है और अगर ये अपराध सिद्ध हो जाता है तो नकल कराने वाले को 5-10 साल जेल का प्रावधान किया गया है साथ ही 10 लाख से 10 करोड़ जुर्माना भी देना होगा ये नकल से कमाए पैसे पर निर्भर करेगा की जुर्माना 10 लाख देना है या 10 करोड़ देना है साथ ही कोई व्यक्ति किसी भी एग्जाम में नकल कराते हुए पकड़ा जाता है तो उसकी सम्पति भी कुर्क करने का प्रावधान किया गया है.
जो भी छात्र पेपर खरीदता है या नकल करता है तो उसपे 3 साल की सजा का प्रावधान किया गया है और 1 लाख तक का जुर्माना भी लगाया गया है जुर्माना नहीं देने पर 2 साल तक की सजा और बड़ा दी जाएगी.
परीक्षा में पेपर लीक मामले की जांच एडीशनल लेवल का अफसर ही कर सकेगा इससे निचे लेवल के अफसरों को इससे दूर रखा जायेगा.
पहले भी नकल रोकने के लिए कानून तो बने हुए थे पर वो इतने सख्त नहीं थे और जो थे उनका भी सख्ती से पालन नहीं किया जा रहा था लेकिन रीट परीक्षा के बाद अशोक गहलोत सरकार अलर्ट मोड़ पे आई है और 23 फरवरी के बजट में सख्ती से कानून लागु करने की घोषणा की गयी है.