पति पत्नी का एक थाली में भोजन करना शुभ या अशुभ क्या कहते है हमारे वेद पुराण
ऐसा माना जाता है की जब एक थाली में साथ खाना खाते है तो प्रेम बढ़ता है और आजकल ये बात लोगो ने पति पत्नी में भी लागु कर दी और आज के समय में बहुत से पति पत्नी एक साथ एक थाली में खाना खाते है जो पुराने जमाने में इससे बिल्कुल विपरीत था पहले के समय में पत्नी हमेशा पति को भोजन कराने के बाद ही भोजन करती थी पर अब समय के साथ ये परम्पराये बदल चुकी है और पति पत्नी भी साथ खाना खाने लगे है पर आज भी हमारे बड़े बुजुर्ग कहते है की एक थाली में पति पत्नी को नहीं खाना चाहे अब ये कोई नहीं जानता इनमे सच्चाई है या नहीं कुछ लोग इन्हे सच मानते है तो कुछ नहीं भी मानते है ये सबकी सोच पर निर्भर करता है.
इसके पीछे कुछ पुरानी मान्यताये है जो महाभारत काल से चली आ रही है जब महाभारत के युद्ध के बाद भीष्म पितामह मृत्यु शैया पर थे तब पांडव ज्ञान प्राप्त करने के लिए पितामह के पास गए थे तब उन्होंने मरने से पहले उन्हें कुछ बाते बताई थी जिसमे पितामह ने भोजन के बारे में भी बताया था की भोजन कैसा करना चाहिए और किसके साथ करना चाहिए.
पितामह ने कहा था की अगर कोई व्यक्ति भोजन की थाली लाँघ जाता है तो उस भोजन को कभी ग्रहण नहीं करना चाहिए क्यों की वो भोजन दूषित और कीचड़ के सामान माना जाता है अगर कभी आपके साथ भी ऐसा हो तो उस भोजन को पशुओ को खिला देना चाहिए.
पितामह ने ये भी कहा की भाइयो को हमेशा साथ बैठकर भोजन करना चाहिए जिससे उनमे प्यार बना रहता है और परिवार में सुख शांति का माहौल रहता है परिवार की तरक्की होती है और साथ ही सबका स्वास्थ्य उत्तम होता है यही कारण है की पांडव हमेशा साथ खाना खाते थे.
पितामह के अनुसार अगर परोसी हुई थाली को किसी की ठोकर लग जाये तो उस खाने को भी नहीं खाना चाहिए इससे परिवार में गरीबी आती है और अगर खाने में बाल आ जाये तो भी उससे नहीं खाना चाहिए इससे अपशगुन होने का डर रहता है.
साथ ही अर्जुन ने पूछा की क्या पति पत्नी एक साथ एक थाली में भोजन कर सकते है इसपे पितामह ने कहा की नहीं पति पत्नी को कभी भी एक साथ एक थाली में भोजन नहीं करना चाहिए क्यों की माना जाता है की ऐसा करने से भोजन मदिरा के समान हो जाता है और जैसे मदिरा से आदमी की मति भ्रष्ट होती है वैसे ही पति पत्नी के साथ खाने से भी आदमी की मति भ्रष्ट होती है इससे परिवार में कलह बढ़ता है और बाकि रिश्तो की तुलना में उस पति के लिए पत्नी ही सर्वमान्य हो जाती है वो पत्नी को अधिक महत्व देने लग जाता है.