गाड़ी के ये कागज नहीं होने पर पेट्रोल डीजल नहीं मिलेगा साथ ही 1लाख जुर्माना और 5 साल की जेल
आजकल प्रदूषण दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है और इसके कारण बीमारिया भी बहुत ज्यादा बढ़ रही है सरकार भी इस प्रदूषण को रोकने के लिए नए नए कानून लाती रहती है जिससे ये प्रदूषण कंट्रोल किया जा सके लेकिन इसके लिए आम जनता ढंग से सहयोग नहीं करती है और जनता के बिना सहयोग कोई भी काम आसान नहीं होता है इसी प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार एक नया नियम लेकर आई है.
जिसके अनुसार अगर पेट्रोल पम्प पर पेट्रोल या डीजल भरवाते है तो प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र दिखाना जरूरी कर दिया है अगर ये नहीं होता है तो पेट्रोल या डीजल नहीं दिया जायेगा और अगर कोई पेट्रोल पंप संचालक इसका उलंघन करता पाया जाता है तो उसपे कारवाई होगी और 5 साल की जेल और 1 लाख तक जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है और किसी का प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र एक्सपायर हो जाता है तो चालक इससे पंप पर भी जारी कर सकते है इसका उद्देश्य वायु प्रदूषण को कण्ट्रोल करना है प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र के द्वारा वाहन के प्रदूषण स्तर को जांचने में मदद मिलती है.
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने तो 4 मार्च से ये आदेश जारी भी कर दिया की प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र होने पर ही पेट्रोल डीजल और सीएनजी दी जाएगी दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के अनुसार प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र दिल्ली में जल्दी ही हर जगह जरूरी हो जायेगा और देखा जाये तो शुद्ध हवा और प्रदूषण मुक्त भारत के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र बहुत जरूरी है नहीं तो बहुत से लोग ऐसे है जो प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र ख़त्म होने के बाद भी सड़को पर वाहन दौड़ाते नज़र आते है प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र को पंजीकृत केन्द्रो के द्वारा जारी किया जाता है दिल्ली की बात करे तो दिल्ली में 966 प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र लागु करने वाले केंद्र है जो 10 अलग अलग जगह बने हुए है और ये उन वाहनों को ही प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र देते है जो प्रदूषण और उत्सर्जन के मामले में उनके अनुसार खरे उतरते है.