क्या आपने कभी सोचा हवाई जहाज गुजरने के बाद सफेद लाइन क्यों बन जाती है
हवाई जहाज को आसमान में उड़ते हुए हम बचपन से देखते आये है लेकिन आप ने कभी सोचा है की हवाईजहाज को गुजरने के बाद पीछे एक सफ़ेद लाइन बन जाती है जिसके पीछे का कारण क्या है कई बार ये लाइन लम्बे समय तक दिखती है तो कई बार थोड़े समय में ही गायब हो जाती है इसका कारण बहुत से लोग अलग अलग मानते है गांवो में तो बड़े बुजुर्ग कहते है की हवाई जहाज धुआँ छोड़ रहा है जिसकी वजह से लाइन बन जाती है लेकिन ये पूरी तरह सही नहीं है इसके पीछे का कारण कुछ और है नासा की एक रिपोर्ट की माने तो आसमान में जो ये सफेद लाइन बनती है इसे कंट्रेल्स कहते है कंट्रेल्स को सबसे पहले दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 1920 में देखा गया था.
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वैसे अगर इसे देखे तो ये एक तरह से बादल ही होते है पर ये अलग तरह के बादल होते है जो हवाई जहाज या रॉकेट के गुजरने के बाद ही दिखाई देते है जो ज्यादा ऊंचाई होने की वजह से बनते है जब हवाई जहाज हवा में उड़ता है तो पीछे एग्जॉस्ट से निकले धुये जिसको एरोसॉल्स कहते है,हवाई जहाज़ के एग्जॉस्ट से भाप के साथ कई ठोस पदार्थ भी बाहर निकलते हैं. जिसमे कार्बन डाई ऑक्साइड,कार्बन मोनो ऑक्साइड नाइट्रोजन ऑक्साइड,निकलती है. इसके साथ ही इसमें से सल्फ़ेट और मीथेन जैसी गैस भी निकलती हैं.
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इनमे से कुछ Contrails बनाने में मददगार करते है और बाकी सिर्फ़ प्रदूषण बढ़ाने का काम करते है आसमान की जो नमी होती है वो इन एरोसॉल्स के साथ जमा हो जाती है,जिससे सफेद लाइन बन जाती है कंट्रेल्स बनते हैं ये जमीन से काफी उचाई पे बनते है और इसको हम सब आसानी से देख सकते है जो की सफ़ेद रंग के बादल की तरह दिखाई देता है बहुत सी बार ऐसा भी होता है की इस धुएं के कारण पायलट को कुछ दिखाई नहीं देता है और दो हवाई जहाज आपस में टकरा जाते है ये धुए की लकीर जिसे कंट्रेल्स कहा जाता है ज्यादा देर तक आसमान में दिखाई नहीं देती है और कुछ समय बाद आसमान से ग़ायब हो जाती है इनके बनने का कारण हवा में नमी होती है जो हमेशा एक जैसी नहीं रहती है कभी कम तो कभी ज्यादा होती है जब ज्यादा रहती है तब ये लाइन तेजी से बनती है जिसे हम साफ देख सकते है और जब तापमान ज्यादा होता है तब ये नही बनती और हमें दिखाई नही देती.