गजब किसान ने क्या तरकीब लगाई है वाकई में तारीफे काबिल है पढ़ेंगे तो आप भी कहेंगे मानना पड़ेगा
एक किसान जब खेती करता है तो उसके सामने बहुत सी परेशानिया आती है बाढ़, बारिश, ओले पड़ना तो कभी सूखे की मार तो कभी परिंदे तो कभी जंगली जानवर उससे परेशान करते रहते है और अगर इन सब से लड़ लेता है तब जाकर उससे फसल मिलती है वो भी सही दाम मिल जाये तब है नहीं तो बेचारे की सारी मेहनत पर पानी फिर जाता है और कई गांव तो ऐसे है जहाँ जंगली जानवरो का बहुत ज्यादा आंतक रहता है जिसमे नीलगाय और जंगली सूअर खासतौर से किसानो की नाक में दम करके रखते है.
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जिससे बचने के लिए किसान अलग अलग जुगाड़ लगाते है जिससे उनकी फसल बच जाये तो ऐसा ही एक जुगाड़ लगाया है महाराष्ट्र के वाशिम जिले के ढोनी गांव के रहने वाले किसान गजानन शेलके ने जिसने एक एकड़ जमीन में ज्वार की फसल बोई हुई है जो फसल तो ठीक ठाक है लेकिन नील गाय और सूअर उससे बर्बाद करने पर तुले हुए है तो किसान को 24 घंटे रखवाली करनी पड़ती है जिससे परेशान होकर किसान ने एक अलग ही जुगाड़ निकाला है उसने इसके लिए स्टील के चार हंडे लिए और चारो हंडो को खेत के चारो दिशाओ में बाम्बू के सहारे बांध दिया और उसमे कांच की गोलिया डाल दी और चारो को रस्सी से जोड़ दिया और खेत के बीच में खुद के लिए एक मचांग बना ली जिससे धुप से उसका बचाव हो सके और उसमे बैठकर जैसे ही रस्सी को खींचता है तो चारो हंडे बजने लगते है और इससे जंगली जानवर उसके खेत के आसपास भी नहीं आते है और किसान को धूप में जानवरो को भगाना नहीं पड़ता है.
ये जुगाड़ वो दिन में काम में लेता है और रात के लिए उसने अलग जुगाड़ बनाया है जिसमे किसान ने खराब कूलर का पंखा लिया पंखे के एक पाते को बेरिंग बांध कर के एक बाम्बू के सहारे खड़ा किया और उसके साथ एक बड़ी स्टील की प्लेट भी बांध दी अब जैसे जैसे हवा चलती है ये पंखा घूमने लग जाता है और उस पर लगा बेरिंग स्टील की प्लेट पर लगता है जिससे प्लेट बजने लगती है और डर से जंगली जानवर आस पास भी नहीं आते है वाकई में किसान के दिमाग को मानना पड़ेगा.
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