लड़की के पीरियड्स पर कुछ जगह उसे समझा जाता अछूत तो कुछ जगह धूमधाम से मनाया जाता है जश्न
महिलाओं के शरीर में हार्मोन में बदलाव होता है जो उम्र के साथ होता है इसके लिए सबकी उम्र अलग अलग होती है और इसी बदलाव की वजह से गर्भाशय से खून और अंदरूनी हिस्से से होने वाले स्त्राव को मासिक धर्म या पीरियड्स कहाँ जाता है इसमें शर्माने या हीन भावना महसूस करने जैसा कुछ भी नहीं है जिससे भारत के बहुत से राज्यों में अछूत माना जाता है लड़की को बिल्कुल अलग रखा जाता है ऐसे फील कराया जाता है जैसे तो लड़की ने बहुत बड़ी गलती कर दी हो पर कई राज्य ऐसे है जहाँ लड़की के पहली बार पीरियड्स आते है तो जश्न मनाया जाता है लड़की को स्पेशल फील कराया जाता है की वो लड़की से औरत बनने की पहली सीढ़ी पर पाँव रख चुकी है ये अधिकतर दक्षिण और उत्तर पूर्वी भारत में होता है जहाँ दावत का आयोजन किया जाता है रिश्तेदारों को बुलाया जाता लड़की को सजाया जाता है गिफ्ट दिए जाते है तो आज हम आपको ऐसे ही राज्य के बारे में बताने जा रहे है.
असम
असम में जब लड़की को पहली बार पीरियड्स आते है तो वहाँ तुलोनिया नामक त्यौहार मनाया जाता है ये त्यौहार शादी के समान मनाया है इससे लड़की को 7 दिन तक अलग तलक रखा जाता है और उससे बहुत से काम करने की मनाई होती है और सूरज चाँद सितारे देखने की मनाही होती है यानि की उससे 7 दिन तक घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता है और 7 दिन बाद केले के साथ लड़की की शादी की जाती है जिसमे रिश्तेदार आते है और शादी की तरह समारोह मनाया जाता है और लड़की को उपहार भी दिए जाते है.
ओडिशा
जब लड़की को पहली बार पीरियड्स आते है तो तीन दिन तक जश्न मनाया जाता है जिससे राजा प्रभा के नाम से जाना जाता है जिसको मासिक धर्म से जोड़ा जाता है और उड़ीसा के लोग मानते है की ये 3 दिन धरती माँ को पीरियड्स होते है 5वे दिन औरते और लड़किया रजस्वला लड़की को नहलाती है और नये कपड़े पहनाकर तैयार करती है और वहाँ इस बात की बहुत खुशी मनाई जाती है.
कर्नाटक
कर्नाटक में लड़की को जब पहली बार पीरियड्स होते है तो बहुत धूम धाम से जश्न मनाया जाता है और वहाँ इससे ऋतुशुदी या ऋतु कला संस्कार के नाम से जाना जाता है ऋतुकला के बाद पहली बार लड़की को हाफ साडी पहनाई जाती है जो उसकी शादी तक वो फिर हाफ साड़ी ही पहनती है ये सारी चीजे यहाँ ये दर्शाती है की लड़की की यौवन अवस्था शुरू हो चुकी है और अब वह शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह परिपक्व हो चुकी है और इस बात का वहाँ जश्न मनाया जाता है.
तमिलनाडु
तमिलनाडु में लड़की के जब पहली बार पीरियड्स होते है तो शादी की तरह समारोह होता है और पीरियड्स आने पर मंजल निरातु वीजा नाम का त्यौहार मनाया जाता है जो भव्य तरीके से मनाया जाता है इसमें रिश्तेदारों को कार्ड बाटे जाते है और लड़की के चाचा नारियल, आम, और नीम के पत्तो से एक झोपडी बनाते है और लड़की को औरते हल्दी के पानी से नहलाती है और रेशम की सुंदर साडी पहनाई जाती है और सुंदर ज्वेलरी भी पहनाई जाती है ये सब 9 वे 11 वे और 15 वे दिन किया जाता है और तब तक लड़की चाचा के द्वारा बनाई गयी उसी झोपडी में रहती है फिर उस झोपडी को हटा दिया जाता है और पंडित को बुलाकर घर को शुद्ध किया जाता है.
आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश में भी जब लड़की को पहली बार पीरियड्स होते है तो जश्न मनाया जाता है जिससे वहाँ की भाषा में पेड़मनीषी पड़ंगा कहाँ जाता है ये पीरियड्स के पहले पांचवे और आखिरी दिन मनाया जाता है पहले दिन औरते लड़की को मंगल स्नान कराती है जिसमे पांच औरते शामिल होती है उनमे लड़की की माँ को नहीं रखा जाता है और लड़की को जब तक ये त्यौहार चलता है एक अलग कमरा दे दिया जाता है और उसके कपड़े बिस्तर सब अलग रखे जाते है और पांचवे दिन लड़की को चंदन का लेप लगाया जाता है और स्नान कराया जाता और इसी के साथ इस त्यौहार की समाप्ति होती है.